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त्रिपिंडी श्राद्ध एवं पूजा

त्रिपिंडी श्राद्ध जिसे काम्य श्राद्ध भी कहा जाता है, यह श्राद्ध आत्माओं की स्मृति में अर्पित किया जाता है। आत्माओं को शांत करने के लिए यह पूजा मुख्य रूप से की जाती है।

कुम्भ कलश विवाह

जब एक बच्चे का जन्म होता है, तब उसके ग्रह स्थिति के स्थान तय होते हैं। व्यक्ति की कुंडली में कई तरह दोष (समस्याएँ) होती हैं।

रुद्राभिषेक एवं महा-रुद्राभिषेक

रुद्राभिषेक यह सर्वोच्च देवता भगवान शिव को समर्पित धार्मिक अनुष्ठान है, जो शक्तिशाली मंत्रो की उच्चारण द्वारा किया जाता है।

शतचंडी यज्ञ एवं पाठ

लोग देवी को खुश करने के लिए शतचंडी यज्ञ एवं पाठ करते हैं। देवी मानव जाति की संरक्षक हैं। देवी में ही जगत समाहित है और वह ही एकमात्र सत्य है।

दुर्गा-सप्तसती पाठ

देवी दुर्गा मां के कई नाम और रूप हैं। माँ अध्याशक्ति के रूप में, उन्हें जीवन और दुनिया के अस्तित्व के प्रमुख स्रोत के रूप में सम्मानित किया जाता है।

काल सर्प दोष पूजा

व्यक्ति के कर्म या उसके द्वारा किए गए कुछ पिछले कर्मों के परिणामस्वरूप कालसर्प योग दोष कुंडली में होना माना जाता है।

महामृत्युंजय जाप

हिंदू धर्म में भगवान् शिव को सबसे शक्तिशाली देवता मन जाता है। भगवान् शिव की महामृत्युंजय जाप से साधना करना अधिक लाभकारी है। महामृत्युंजय मंत्र सभी बाकि संस्कृत मंत्रो के तुलना में अधिक प्रचलित है।

सुक्रोपाषित मृत संजीवनी जाप

शिवजी का मृत संजीवनी मंत्र, जिसका जाप रावण करता था, काल को भी रोकने की शक्ति है।दैत्यगुरु शुक्राचार्य ने इन दोनों मंत्रों को मिलाकर एक अन्य मंत्र मृत संजीवनी मंत्र का निर्माण किया था।

विवाह पद्दति

एक भारतीय शादी पंडित के बिना अधूरी है। जो पेशेवर है और बिना किसी गड़बड़ के अपनी शादी को अंजाम देना जानता है। तो, यहां हमारे पास उद्योग में सबसे अच्छे पंडितों में से एक है।

कुंडली मिलान एवं हस्तरेखा

मानव जीवन को बेहतर बनाने के लिए जहाँ कड़ी मेहनत की जरूरत होती है वहीं बड़ों का आशीर्वाद भी काफी मायने रखता है। इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र की मदद से आप वर्तमान की गलतियों को सुधार कर अपना भविष्य सँवार सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र की मदद से किसी का भविष्य जानना है तो इसके लिए जन्मकुंडली की जरूरत पड़ती है।

गृह प्रवेश, वास्तु पूजन एवं वास्तु दोष निवारण

गृह प्रवेश समारोह एक हिंदू पूजा समारोह है, जिसे पर्यावरण को शुद्ध करने और घर को नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिए पहली बार नए घर में प्रवेश करने के समय किया जाता है। गृह प्रवेश से पहले एक कलश पूजा भी होती है। इसके लिए तांबे के कलश को 9 तरह के अनाजों से भरा जाता है।

प्रेत बाधा, शत्रु बाधा व अन्य मनोकामना हेतु जाप एवं अनुष्ठान

भगवान् गणेश विघ्नहर्ता हैं। किसी भी शुभ कार्य करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। सभी देवी-देवताओं से पहले भगवान गणेश की पूजा का विधान है। करियर एवं व्यवसाय में सफलता पाने से लेकर परिवार में सभी के कल्याण की कामना को लेकर देवाधिदेव गणेश जी की पूजा की जाती है।